मध्य प्रदेश

MP news:यादें पूर्व सीएम स्व अर्जुन सिंह

MP news:यादें पूर्व सीएम स्व अर्जुन सिंह

 

 

 

 

 

 

 

स्व. कुँवर अर्जुन सिंह जी 1985 में पंजाब के राज्यपाल नियुक्त किए गए थे,उस समय पंजाब गंभीर राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल से गुजर रहा था ! उनकी यह नियुक्ति प्रधानमंत्री स्व.श्री राजीव गांधी जी ने किया जब पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद अपने चरम पर था ! स्व. श्रीअर्जुन सिंह जी का पंजाब के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल बहुत ही चुनौतीपूर्ण था क्योंकि उन्होंने उस समय शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की जिम्मेदारी संभाली थी !

लोगोवाल समझौता जिसे आधिकारिक तौर पर पंजाब समझौता कहा जाता है,1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी और अकाली दल के प्रमुख नेता संत श्री हरचंद सिंह लोंगोवाल के बीच किया गया था ! यह समझौता पंजाब में लंबे समय से चल रहे उग्रवाद और खालिस्तानी आंदोलन को समाप्त करने के लिए एक प्रयास था ! इसका उद्देश्य पंजाब में शांति स्थापित करना, सिख समुदाय की मांगों को सुनना, और राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करना था ! कुँवर साहब उस समय पंजाब के राज्यपाल थे, इस समझौते के सूत्रधार/महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए श्री राजीव जी और संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के बीच संवाद और समझौता कराने में सहायक बने !उन्होंने पंजाब में शांति बहाल करने के लिए केंद्र और सिख नेताओं के बीच मध्यस्थता की और इस समझौते को संभव करने का ऐतिहासिक कार्य किया !

हालांकि समझौते का उद्देश्य शांति स्थापित करना था,लेकिन इसके बाद संत हरचंद सिंह लोंगोवाल की हत्या हो गई, जिससे यह समझौता पूरी तरह से सफल नहीं हो सका !लेकिन इस समझौते को पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जाता है,जिसमें कुँवर साहब का योगदान सराहनीय माना जाता है !

स्व.श्री अर्जुन सिंह जी ने राज्यपाल के रूप में कार्य करते हुए पंजाब में शांति बहाली के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए उन्होंने जनता और आतंकवादी समूहों के बीच संवाद की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया और केंद्र सरकार के साथ मिलकर स्थिति को स्थिर करने की कोशिश की ! इस दौरान उन्होंने सिख समुदाय के नेताओं और राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की और उनकी मांगों को समझने और उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास किया,उन्होंने पंजाब में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली के लिए अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप 1985 में पंजाब में चुनाव हुए और श्री सुरजीत सिंह बरनाला मुख्यमंत्री बने !

कुँवर साहब का यह कार्यकाल पंजाब में शांति और स्थिरता लाने के उनके योगदान के लिए याद किया जाता रहेगा !

दाऊ साहब ने सदैव अपने सहयोगियों,कार्यकर्ताओं और आमजनों से संवाद स्थापित कर हर विषय पर बात करने की प्रधानता रखी,उनका विषय वस्तु को जानने समझने पर ज्यादा जोर होता था,इसी कारण वो समस्याओं को आसानी से सुलझाने और मजबूत निर्णय के पर्याय माने गए।

विन्ध्य और मध्यप्रदेश को गौरवान्वित करने बाले ऐसे महामानव की जन्म जयंती के मौके पर 5नबम्बर2024 को सेंट्रल लाइब्रेरी मैदान भोपाल में आइये हम सब मिलकर उनका स्मरण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करें !

 

 

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